प्यार...
क्यूँ होता है प्यार ??
क्या है प्यार ??
कैसे होता है प्यार ??
कब होता है प्यार ??
जब किसी के होने का एहसास उसके दूर होने पर भी होता है..वो प्यार है.
जब किसी के बारे में सोचने पर ही मुस्कराहट आजाये....वो प्यार है.
जब सिर्फ लफ़्ज़ों से नहीं जज्बातों से हो इज़हार....वो प्यार है.
जब हंसी सिर्फ आपके लबों पर ही नहीं आपकी रूह में भी भर आये....वो प्यार है.
जब किसी की कमियां भी आपको पूरा करती हो ...वो प्यार है.
जब गानों के शब्द समझ आने लगें...वो प्यार है .
ऐसे ही किसी से मिलने से पहले धड़कने तेज़ नहीं हो जाती .
जब किसी से मिलने पर लगता है की कभी दूर न जाये....अच्छा लगता है.
जब आधी रात या सुबह सुबह फ़ोन की घंटी बज जाती है...अच्छा लगता है.
जब नींद में किसी की आवाज़ सुनने पर वो मीठी मुस्कुराहट लबों पर आती है....अच्छा लगता है.
ज़िन्दगी में एक बार तो होना चाहिए प्यार.
कब,कहाँ,क्यूँ,कैसे,.....यह शब्द खोखले लगने लगते हैं.
सुबह का सूरज तो वही है बस उसको देखने का नजरिया अलग लगता है.
रात में चमकते सितारे वही बात कह रहे हैं बस सुनने में सिर्फ उसकी बाते सुनाई देती हैं.
बारिश की बूँदें उतनी ही ठंडी है हैं बस तब उन बूंदों में किसी की हंसी की छनकार सुनाई देने लगती है.
प्यार को याद करना भी प्यारा लगता है.
शब्द पन्ने पर उतरने लगता है.
है कुछ बात .
न हो फिर भी साथ.
समझने वाला समझे तो प्यार है.
ना समझे तो बेकार है.
If you have read it all, thank you :)
ReplyDeletewow
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